प्रिय पाठको हमारे समाज मे कई लोग ऐसे होते है जो अपने असाधारण व्यक्तित्व , अपने असाधारण कामो द्वारा इस समाज मे अपनी एक अलग पहचान बनाने मे कामयाब हो जाते है और यह समाज उन्हे भरपूर सम्मान और पुरुस्कार भी देता है। किंतु इसी समाज मे कई लोग एसे भी होते है जो किसी सम्मान और पुरूस्कार की इच्छा के बगैर अपना कर्त्तव्य निभाते रहते है ।
प्रस्तुत किताब मे एक ऐसी ही महिला की कर्त्तव्य परायणता का वर्णन किया है जो सुदूर गाँव मे रहती है और उन्हे कोई नही जानता । किंतु उन्होने अपने संपूर्ण जीवन मे बहुत संघर्ष किए ।तमाम मुसीबतो धैर्य रखकर अपने कर्त्तव्य निभाए।
इस किताब के जरिए लोग उनके बारे मे पढ़े , उनसे प्रेरणा ले । इस किताब को लिखने यही उद्देश्य है ।