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लजस तरह जन्म एक सत्य है, उसी तरह मृत्यु भी एक परम सत्य है। इन दोनों सिंस्कारों के मध्य जो मानव जीवन यापन होता है, उसमे उसे अनेक प्रकार की नैलतक अनैलतक लजम्मेदारीयों को भिी भााँलत लनभाना होता है। जीवन यापन काि मे हमारे साथ हमारे जीवन मे अनेक पात्र जुडे होते है। माता-लपता, भाई-िहन, पलत-पत्नी, िेटा-िेटी, दोस्त-यार, और भी कई। इन सभी को िुश रिना तथा इनके साथ स्वयिं को भी िुश रिना मानव जीवन का अमूल्य उद्देश्य है।
इस पुस्तक मे यह दशााया गया हैं लक जीवन मे आने वािे लवलभन्न उतर िडाव का सामना करते हुये हम लकस तरह अपने जीवन को सुिमय स्वरूप प्रदान लक सकते है। लवलभन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से इस पुस्तक मे जीवन के कुछ िण्डो को दशााया गया है।
इस पुस्तक की प्रत्येक पिंलि स्वयिं मे अपनी एक कहानी व्यि करती हैं। जो लक कहीं न कहीं हमारे जीवन से सिंििंलित है।
अिंत मे, मैं लनत्या प्रकाशन को िन्यवाद देना िाह ाँगा लजसने इस पुस्तक का प्रकाशन लकया।
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